ॐ गुरु जी कहे, चेला सुने, सुन के मन में गुने, नव ग्रहों का मंत्र, जपते पाप काटेंते, जीव मोक्ष पावंते, रिद्धि सिद्धि भंडार भरन्ते, ॐ आं चं मं बुं गुं शुं शं रां कें चैतन्य नव्ग्रहेभ्यो नमः मन्त्र ज्यो शत्रु भयो। डाकिनी वायो, जानु वायो। Reply Raj January 19, https://vashikaran41749.weblogco.com/35419278/a-review-of-upay