पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। https://lanecjrmg.dm-blog.com/29846055/shiv-chalisa-lyrics-fundamentals-explained