मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा । लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुवीर हरषि उर लाये॥ और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई॥ और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फ़ल पावै॥ मैया जी तेरे मंदिरा ते नचा मैं बन के https://rowanlxvvn.wikiexcerpt.com/3060693/a_review_of_hanuman_chalisa_lyrics